सारथी कला निकेतन (सकलानि)

Tuesday, 29 January 2013


ग़ज़ल (गुरुदेव 'सारथी' जी )

 किस्सा -ए-दर्द जरा उन को सुना कर देखें
 बर्फ को हम भी ज़रा आग लगा कर देखें

 कोई कहता है उन्हें मोम तो पत्थर कोई
 हो इजाज़त तो ज़रा हाथ लगा कर देखें

 एक ही सोच इक फ़िक्र में आलम गुज़रा
 जा के देखें कि उन्हें पास बुला कर देखें

 शेष ग़ज़ल अभी प्राप्त नहीं हो पाई है ......

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