सारथी कला निकेतन (सकलानि)

Sunday, 15 April 2012

गुरुदेव 'सारथी' जी के कथनानुसार ---


.............घड़ी साज तो वही प्रभु है । वही सर्वशक्तिमान, रचैयता और प्रकाश का सागर है वही समय समय पर समय को ठीक करने और सुनिश्चित करने के लिए अवतार धारण करता है । विविध रूपों में अवतरित होता है । वही कहता है -समय का चक्र जब उल्टा घूमने लगता है और दिन के समय भी रात्रि ही का भ्रम होने लगता है तब वह घड़ी साज सुइयों को ठीक करने के लिए कभी राम, कभी कृष्ण, कभी वामन, कभी नरसिंह, कभी मुहम्मद, कभी मूसा, नानक, भगवन बुद्ध, महावीर और दशमेश आदि का शरीर धारण करता है। .......................

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