गुरुदेव 'सारथी' जी के कथनानुसार ---
...."मेरी बात मानो तो एक मार्ग की इस समय आश्यकता है । वह है सब धर्मों का एक धर्म में विलय कर देने का । सभी संकेतों और संदेशों के स्थान पर एक संकेत और सन्देश में महाविलय। महाविलय का महामार्ग । तुम स्वयं से सर्वप्रथम कह दो की तुम सभी धर्मों के (सत्यों में, क्योंकि सत्य के अतिरिक्त किसी धर्म की कोई परिभाषा नहीं हो सकती ) स्वयं को विलय कर चुके हो । सब में लीन कर चुके हो । तुम्हारा अस्तित्व संसार के सभी धर्मों के समन्वय का अस्तित्व है । तुम्हारा अस्तितिव सब में एक ही सत्य होने का अस्तित्व है । एक ही यथार्थ होने, एक ही प्रकाश होने का अस्तित्व तुम्हारा अस्तित्व है । वह सब तुम्हारे कारण हैं और तुम सब धर्मों के कारण हो"............. ।
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