सारथी कला निकेतन (सकलानि)

Sunday, 4 March 2012

A bhajan of 'Maharani Meera' by Gurudev

hari tum haro jan ki bheed-- a 'Meeran' bhajan by Gurudev 'Sarathi'

3 comments:

  1. महारानी मीरा के भजन गुरुदेव को अतिप्रिय थे, इस भजन में सारी मानवता के कल्याण की प्रार्थना का मधुर स्वर भाव विभोर कर देता है.......

    ReplyDelete
    Replies
    1. महारानी मीरा ने जिस भाव से यह भजन रचा है और श्र्द्ये सारथी जी ने जिस भाव से इसे गया है दोनों ही अभिव्यक्तियाँ शब्दों की परिधि के बाहर हैं........

      Delete
  2. गुरुदेव सारथी जी का यह भजन सब के किये उपलब्ध करवाने हेतु मैं सारथी कला निकेतन का कृतज्ञ हूँ

    ReplyDelete